बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर । शहीद दिवस पर दुर्गापुरा स्थित समग्र सेवा संघ में हुए स्मृति कार्यक्रम में भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के महान नायक महात्मा गाँधी को पुष्पांजलि अर्पित की गई । कार्यक्रम का शुभारम्भ एडवोकेट उमेश चंद शर्मा द्वारा की गई सर्वधर्म प्रार्थना से हुआ, समाजसेवी राजेन्द्र कुम्भज ने गांधी जी का प्रिय भजन 'वैष्णव जन तो..' सुनाया। पत्रकार व जन सम्प्रभुता संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि महात्मा गाँधी के विचार आज ना सिर्फ प्रासंगिक हैं वरन् पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं । प्यारे लाल शकुन ने कहा कि पूंजीवादी व्यवस्था पर लगाम लगाना तथा शिक्षा,स्वास्थ्य एवं बेरोजगारी की निरंतर गंभीर होती समस्या पर आंदोलन करना आज की आवश्यकता है। राजेन्द्र चौधरी ने कहा 'सत्य के संकल्प' का नाम है गांधी, गांधी के विचारों को अपनाने से क्रोध घटता है और दृढ़ता बढ़ती है । बाल मुकुंद सनाठ्य ने कहा कि हमें स्थानीय स्तर पर अपने नजदीक के पार्को में बच्चों व युवाओं के बीच गाँधी के विचारों का साझा करने का प्रयास करना चाहिए साथ ही मौजूदा व्यवस्था में उपलब्ध समस्या निवारण तंत्र का उपयोग करने में झिझकना नहीं चाहिए, कोई कमी लगे तुरंत अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए। अब्दुल सत्तार जौहर ने कहा कि गांधी विचार का मूल भाव है इंसान और इंसान के बीच समानता का भाव, हमें इस भाव को चर्चा तक या दिमागी खुराक तक ही सीमित नहीं रखना है वरन् जन—जन तक पहुँचाना होगा। रघुवीर प्रसाद मीणा ने कहा कि अच्छे लोगों की संख्या ज्यादा है पर वे बोलते नहीं हैं अत: उनका वोल्यूम कम है, बुरे लोग कम हैं परंतु वे बेशर्मी की हद पार करके भी बोलते रहते है इसलिए उनका वोल्यूम ज्यादा है, हमें संगठित होकर अच्छे लोगों का वोल्यूब बढ़ाने का प्रयास करना होगा। सामाजिक कार्यकर्ता अमृत लाल ने कहा कि हे राम से जय श्री राम तक के सफर को हमें समझना होगा,18 से 45 आयुवर्ग के युवाओं को मोबाईल व कमरों की कैद से बाहर निकालकर वास्तविकता से अवगत कराना होगा, ग्रामोदय, ग्रामोघोग,कृटीर उद्योग, ट्रस्टीशिप जैसे गांधीयन सिद्धांतों को मजबूत बनाना होगा। याकूब मोहम्मद(उदयपुर) ने आज का युवा दिशा भ्रम का शिकार है,उसकी शक्ति विध्वंसक कार्यों में नष्ट हो रही है । एडवोकेट उमेश चन्द शर्मा ने कहा कि सुभाष चन्द बोस ने 6 जुलाई 1943 को गांधी जी को महात्मा कहा था, आज लोग ये बात जानते ही नहीं है अत: युवाओं के बीच परिचर्चा कार्यक्रमों की आवश्यकता है। पूर्व न्यायाधीश टी.सी.राहुल ने महात्मा गांधी के विचारों को प्रासंगिक बताते हुए उन्हें लोगों तक पहुंचाने पर बल दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर बी.एम.शर्मा ने कहा कि भारतीया को विश्वगुरू होने के दंभ में झौंका जा रहा है जबकि सच्चाई ये है कि विश्व के 200 श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की सूची में भारत का नाम नदारद है, विश्वविद्यालयों में स्थाई शिक्षकों के पद बेहद कम हैं और जो हैं वो भी खाली पड़े हैं, बाड़ ही खेत को खा रही है और युवा पीढ़ी कोंचिंग माफिया के शिकंजे में फंसती जा रही है। प्रोफेसर शर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी के उस वक्तव्य पर भी आश्चर्य प्रकट किया जिसमें उन्होने कहा कि गांधी फिल्म बनने से पहले विश्व में गांधी को कोई जानता ही नहीं था ।
कार्यक्रम में राजेन्द्र कुम्भज,गोपाल शरण,उपेन्द्र शंकर, उमेश शर्मा, महेश चौरया, सुरेश प्रसाद महरवाल, राजेश चौधरी,बालमुकुंद सनाठ्य,रघुवीर प्रसाद मीणा,प्रो.बी.एम.शर्मा,पूर्व न्यायाधीश टी.सी.राहुल,किसान नेता रामपाल जाट,याकूब मोहम्मद,अमृतलाल,राजपाल सिंह,विनोद चौधरी, मौसूफ अहमद, प्यारे लाल शकुन, रूपेन्द्र सिंह, धर्मवीर कटेवा,दीपक धीर, अब्दुल सत्तार जौहर,सुंदर सिंह,पत्रकार वेद व्यास, मंगल देव पारीक,रमेश, रामलाल आदि प्रबुद्ध नागरिकों ने भाग लिया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. बी.एम.शर्मा ने की तथा संयोजन समग्र सेवा संघ के अध्यक्ष सवाई सिंह द्वारा किया गया । समाजसेवी धर्मवीर कटेवा ने धन्यवाद ज्ञापन किया ।
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