कांफ्रेंस में ऐम्स नई दिल्ली, भुवनेश्वर, रायपुर, मुंबई, गुवाहाटी, जोधपुर व पीजीआई चंडीगढ़ समेत देशभर के 275 से अधिक न्यूरोइंटरवेंशनिस्ट, रेडियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी और इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी स्पेशलिस्ट और रेजिडेंट्स ने भाग लिया। कार्यक्रम में न्यूरोलॉजिस्ट ने नई शोध व प्रोद्योगिकी को आम आदमी तक पहुँचाने का प्रयास किया ।
डॉक्टर्स ने स्ट्रोक के प्रति जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से बताया कि स्ट्रोक का ख़तरा विभिन्न कारणों से महिलाओं, पुरुषों या बच्चों में बन सकता है, इसके लिए ख़राब जीवनशैली, हाइपरटेंशन, स्ट्रेस और धूम्रपान जैसी ग़लत आदतें ज़िम्मेदार हो सकती हैं। कोरोना के बाद लोगों में ब्रेन स्ट्रोक के प्रति जागरूकता बढ़ी है ।
न्यूरोइंटरवेंशन एक्सपर्ट डॉ. मदन मोहन गुप्ता ने बताया, "कॉन्फ़्रेंस का उद्देश्य लोगो को ब्रेन से जुड़ी तमाम दिक्कत व बीमारियों के इलाज के प्रति जागरूक करना रहा जिसके लिए इस प्लेटफ़ॉर्म पर न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरोसर्जन, न्यूरोरेडियोलॉजिस्ट जैसे स्पेशलिस्ट को आमंत्रित किया गया। ताकि लोगो में ब्रेन से जुड़ी बीमारियों के प्रति बचाव, रोकथाम व उपचार की जागरूकता बढ़ सके।
चर्चा के दौरान ब्रेनस्ट्रोक, ब्रेन हैमरेज समेत न्यूरोलॉजी से जुड़े अन्य कई विषयों, तकनीकों और उपचार के तरीक़ों पर बात की गई। विशेषज्ञों ने ब्रेन स्ट्रोक का इलाज, न्यूरो इंटरवेंशन और ब्रेन की एंजियोग्राफी जैसे विषयों पर व्यक्तिगत प्रशिक्षण दिए।