ईवीएम हटाओ सेना के कार्यकर्ता पवन जूरी ने बताया कि 2017 में चुनाव आयोग द्वारा VVPAT में क्रमिक रूप से 2 बड़े बदलाव किए गए हैं ।
1. सफेद पारदर्शी कांच को काले कांच में बदल दिया
2. VVPAT की लाइट की अवधि को 15 सेकंड से घटाकर 7 सेकंड कर दिया ।
यह दो बदलाव EVM में कागज के वोटो की हेराफेरी को संभव बनाते हैं ।
पवन जूरी ने जब दर्शकों से 2 वोट केला को दिलाया और दोनों दर्शकों ने केले के पर्ची को भी देखा लेकिन जब उनके द्वारा बनाई गई VVPAT को खोला तो कागज की एक पर्ची केले की निकली और एक सेब की निकली ।
फिर दोबारा 2 अन्य दर्शकों से दो वोट तरबूज को दिलाया गया और दर्शक भी तरबूज की पर्ची देखकर संतुष्ट हो गए लेकिन जब VVPAT को खोला तो कागज की एक पर्ची सेब व एक पर्ची तरबूज की निकली । यानी दोनों बार प्रोग्राम ने एक - एक कागज की पर्ची सेब के लिए चोरी कर दी ।
उन्होंने बताया कि वोट वापसी ग्रुप के फाउंडर एवं IIT दिल्ली से कम्प्यूटर साइंस में स्नातक राहुल चिमनभाई मेहता ने कागज के वोट चोरी करने के इस तरीके को 2018 चिन्हित किया तथा 2019 में वीवीपीएट के सदृश मशीन में इसे प्रदर्शित किया ।
पिंक सिटी प्रेस क्लब जयपुर में इस कार्यक्रम में EVM हटाओ सेना के कार्यकर्ता पवन कुमार जूरी के साथ आदित्य प्रकाश शर्मा, शशांक आर्य, तरुण गोचर, नितिन शर्मा, राकेश कुमार यादव, रामेश्वर लाल जाट, शिवराज जाट, महावीर कुमावत, अंकित टांक के अलावा अनेक एंटी EVM एक्टिविस्ट भी मौजूद थे । जन संप्रभुता संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने बयान जारी कर ईवीएम के स्थान पर बैलेट पेपर लाने की मुहिम का समर्थन किया है। यादव के अनुसार ईवीएम मशीन संदिग्ध पारदर्शिता के कारण जन विश्वास खो चुकी है, अतः लोकतंत्र की रक्षा एवम् चुनाव प्रणाली की विश्वसनीयता बनाए रखने हेतु ईवीएम हटाकर बैलेट पेपर लाने अथवा वीवीपीएटी की पर्ची मतदाता के हाथ से अलग मतपेटी में डलवाने तथा उनकी 100 प्रतिशत गिनती करवाना लोकतंत्र की सबसे बड़ी आवश्यकता है।