योगेन्द्र यादव रहे मुख्य वक्ता,कहा 2023 व 2024 के चुनाव देश का भविष्य तय करेंगें
सर्वसेवा संघ के अध्यक्ष सवाई सिंह, विजय महाजन,अविक शाह, कविता श्रीवास्तव ,किसान नेता राजाराम मील ने मंच साझा किया।
कार्यक्रम के दौरान योगेन्द्र यादव ने कहा कि 2023 व 2024 के चुनाव कोई साधारण चुनाव नहीं है,ये देखने में विधानसभा व लोकसभा के चुनाव लगते हैं परन्तु ये वास्तव में विधानसभा व लोकसभा के चुनाव मात्र नहीं हैं , ये इस देश की संविधान सभा का चुनाव हो रहा है जोकि बिना किसी यू टर्न के अगले 50 साल तक देश का भविष्य तय करेगा। आने वाली पीढ़ियाँ हमसे सवाल पूछेंगी कि देश बचाने के वक्त आप क्या कर रहे थे ? मणिपुर, नूंह फूट डालो राज करो की नीति का हिस्सा है। ये कैसा धर्म है जो अपनी रोटी सेकने के लिए घर को आग लगा रहे हैं। सामान्य चुनाव होते तो हम सामान्य धर्म अपनाते और बहुत से लोगों से बहुत से सवाल करते परन्तु आज की परिस्थितियों में हमें बिना विचलित हुए छोटे और बड़े सवाल में भेद करना होगा तथा ‘अधिनायकवादी ताकतों को परास्त करके आपात धर्म की पालना करनी होगी। दलों से बाहर मौजूद नागरिकों की ऊर्जा पार्टियों ऊर्जा से बेहद अधिक है और हमें उस ऊर्जा को संचित करना है। ‘इंडिया’ गठबंधन अच्छी पहल है परन्तु उसे ड्राइंगरूम की बजाय सड़क तक लाना होगा। नागरिकों को भी एक ‘भारत जोड़ो अभियान’ के रूप में एक ऐसा ही अलाइंस बनाना होगा जो धरातल पर उतरकर चुनाव के परिणाम को प्रभावित कर सके। बीजेपी की सत्ता झूठ पर आधारित है,देशवासियों को झूठ का प्रतिकार करते हुए सच की हवा चलानी होगी।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने साझा मंच पर अपने विचार रखे।
जन संप्रभुता संघ के कार्यकारी अध्यक्ष व गांधीवादी समाजसेवी राजेन्द्र कुम्भज ने कहा कि देश अशांत है,कारण तानाशाही विचारधारा की पोषक केन्द्रीय सत्ता है, अतः जब तक उससे मुक्ति नहीं होगी सुधार की कोई गुंजाईश नजर नहीं आती है। हमें संविधान व लोकतंत्र बचाने के लिए एस.सी.,एस.टी, की रिजर्व सीटों पर ‘हिन्दू राष्ट्र’ समर्थक पार्टी के टिकट का बहिष्कार करने की अपील करनी होगी और यदि कोई टिकट लेता है तो ऐसे टिकिट के लालची व स्वार्थी लोगों को समाज का गद्दार घोषित करके उसका हर प्रकार से बहिष्कार करना होगा।
आजम बेग ने एक शेर ‘ एक दो दर्द नहीं सारे बदन हैं छलनी, जख़्म बेचारा परेशां है कि कहां से उठे’ के माध्यम से देश के दर्द को बयां किया तथा मुस्लिम समाज से अपील की कि वो अपने गैर-मुस्लिम भाईयों को अपनी मस्ज़िदों व मदरसों में आदर सहित लेकर जाएं और उन्हें भी ये बताएं कि आखिर हम वहां करते क्या हैं? ताकि देश के लोग नफरती गैंग के बहकावे में ना आ सकें।
एडवोकेट भूपेश शर्मा ने कहा कि गाँधी व अम्बेडकर का विचार यदि खो रहा है तो उसके सबसे बड़े दोषी वे गांधीवादी व अम्बेडकरवादी बुजुर्ग हैं जो हम जैसे युवाओं तक गांधी,अम्बेडकर के विचारों को पहुंचा नहीं सके। शांति व अहिंसा विभाग की गतिविधियों को जिक्र करते हुए भूपेश शर्मा ने बताया कि विभाग द्वारा करीब 50 हजार रूपये लोगों को गांधी विचार का एक दिन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
जनसंप्रभुता संघ के अध्यक्ष एवं पत्रकार अनिल यादव ने कहा कि नफरत फैलाने वाले व उसका समर्थन करने वाले या उसपर मौन रहने वाले देश के गद्दार हैं, नफरत से बांटा गया परिवार ,समाज या देश नष्ट तो हो सकता है परन्तु कभी विकास नहीं कर सकता है। यादव ने कहा कि देश को हिन्दु राष्ट्र, मुस्लिम राष्ट्र या सिक्ख राष्ट्र की नहीं केवल ‘भारत राष्ट्र’ बने रहने की आवश्कता है। यादव ने कहा कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है, सदगुण स्मरण से बड़ा कोई ध्यान नहीं होता है और समाज के लिए सतकर्म करने से बड़ी कोई पूजा नहीं होती है। यादव ने कहा कि हमें इतिहास से सिर्फ सबक सीखना चाहिए, इतिहास डूबकर मरने के लिए नहीं होता है, आज कुछ ताकतें हर बात में हमें इतिहास में डुबोकर हमारे वर्तमान व भविष्य को मारना चाहती हैं। यादव ने कहा कि वोट से बदलाव आता है,सब जानते हैं परन्तु जब वोट ही नकली हो जाए तो हमारा भविष्य असली कैसे हो सकता है अतः हमें अपने वोट की रक्षा करनी होगी और ई.वी.एम हटाओ, बैलेट लाओ अभियान पर जोर देना होगा।
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं द्वारा रखे गए सभी विचारों को देश के सभी नागरिकों तक पहुंचाने के उद्देश्य से कार्यक्रम का सम्पूर्ण वीडियो ख़बर के साथ संलग्न है, कृपया अवलोकन करें-