इस अवसर पर कलमकार मंच के राष्ट्रीय संयोजक गीतकार निशांत मिश्रा ने कहा कि कलमकार मंच और उसके लेखकों के बीच पूरी पारदर्शिता होती है, यही वजह है कि लेखक अपनी किताब कलमकार से प्रकाशित कराते हैं। उनका पहला लक्ष्य यही होता है कि लेखक की किताब पाठकों के हाथों में पहुँचे।
मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी एवं वरिष्ठ साहित्यकार फारूक आफरीदी ने कहा कि लेखक का पाठकों से जुड़ाव अहम है, जब तक लेखक पाठकों के बीच नहीं जाएगा, उसे न तो पहचान मिलेगी, न प्रसिद्धि। कलमकार से प्रकाशित उनकी किताब ‘धन्य है आम आदमी’ के बेस्ट सेलर होने की वजह उन्होंने पाठकों से जुड़ाव होना बताया। ख्यात शायर लोकेश कुमार सिंह ‘साहिल’ ने इस अवसर पर कहा कि किताबों का विमोचन एक उत्सव होता है। साहित्य और साहित्यकारों के सामाजिक सरोकार एक होने चाहिए। साहित्यकार एवं एसीपी रामगंज सुनील प्रसाद शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन उमा ने किया।
समारोह में जिन किताबों का विमोचन हुआ उनमें राजेन्द्र कसवा की तीन किताबों ‘उस चिंगारी को हवा दो’, ‘घुमक्कड़ कहिन’, ‘चन्द्रावीत का सफरनामा’, ज्ञानवती सक्सैना की ‘मानस प्रवाल’, नीलम ‘सपना’ शर्मा के उपन्यास ‘टीस’, दीपक कुमार राय की ‘पत्थर समय में प्रतिरोध’, भारत दोसी की ‘कितने में दोगे मोक्ष’, प्रेम के उपन्यास ‘मंडी गैंग’, जया वैष्णव की ‘अहसास मातृत्व का’, विमलेश कुमार पारीक की ‘मीठी मधुः एक गुलदस्ता’, वीणा जैन की ‘एक उत्सवःएक महात्सव’ और सलौनी क्षितिज की किताब ‘काव्य कूक’ शामिल हैं।
समारोह में लेखिका तसनीम खान, अवनींद्र मान, सुंदर बेवफा, पंचशील जैन, नवल पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार हरीश गुप्ता, वीणा चौहान, शिवानी जयपुर, कविता मुखर, शकुन्तला शर्मा, कविता माथुर, सुभाष सक्सैना, दीपक शर्मा, अदिति शर्मा, सोनू यशराज सहित अन्य साहित्यप्रेमी मौजूद थे।