कार्यक्रम की शुरुआत में आर्य ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस की वाईस चेयरपर्सन पूजा अग्रवाल ने मुख्य अतिथि संजय सरदाना व दोनों वक्ताओं को सम्मानित किया। इवेंट कोऑर्डिनेटर प्रतिमा पटनायक ने डॉक्टर जामदड़े और दृष्टिबाधित खिलाड़ी शालिनी चौधरी की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया।
सामान्य बच्चों के साथ पढ़ते हुए वह 10 वीं और 12 वीं दोनों कक्षाओं में प्रथम आयी। शालिनी ने अमृता मौर्य के साथ चर्चा करते हुए बताया कि 8 वीं कक्षा में ब्रेल में लिखी उसकी परीक्षा कॉपी पढ़ने के लिए उसे ही बुलाया गया था क्योंकि टीचर को ब्रेल नहीं आता था। टॉक शो के दौरान शालिनी ने ब्रेल में लिखी अपनी कविता पढ़ कर सुनाई। शालिनी, ऐप के माध्यम से मोबाइल ऑपरेट करती है और ऐप से अपने कोर्स की पढ़ाई भी करती है। ऐप से ही उसने अंग्रेजी सीखी है। गाने की शौक़ीन शालिनी ने चर्चा के दौरान एक लोकगीत भी सुनाया।
परिचर्चा के दूसरे भाग में डॉक्टर अंशुमान जामदड़े ने अमृता मौर्य के साथ अपनी कहानी साझा की। बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्हें बचपन में बाएं पैर में पोलियो हो गया था जिसकी वजह से उन्हें चलने के लिए बैसाखियों की ज़रुरत पड़ी। लेकिन यह उनकी सफलता में कभी रुकावट नहीं बनी।
उनके हिंदी गाने - 'रुक जाना नहीं तू कहीं हार के' और 'आनेवाला पल जाने वाला है' ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।