आईएचजीएफ दिल्ली फेयर 2022 में 2500 से अधिक प्रदर्शकों में से 200 से अधिक महिला उद्यमियों और महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसाय हैं। वे निर्यातक, डिजाइनर, उद्यमी और शिल्पकार हैं - सभी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और इस क्षेत्र के दुनिया को देखने के तरीके को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने कई महिलाओं और युवाओं को लाभकारी रोजगार और वित्तीय स्वतंत्रता की ओर प्रेरित, पोषित और सफलतापूर्वक नेतृत्व किया है। अपने उत्पादों को मिली प्रतिक्रिया से खुश होकर, वे दोहराते हैं कि यह मंच उनके बाजार प्रदर्शन, विश्वास निर्माण, विकास और सफलता में सहायक रहा है।
श्री राज के मल्होत्रा, अध्यक्ष, ईपीसीएच कहते हैं, “विभिन्न रॉ मटेरियल के उपयोग से लकड़ी, धातु, बेंत और बांस, प्राकृतिक रेशों, ऊन, रेशम, जूट, भांग, कयर, डेरिवेटिव , चमड़ा, टेराकोटा, लाह और प्राकृतिक अवशेष और पत्थर से बने 2000 से अधिक उत्पादों का विकल्प मिलता है। प्रोलीफिक प्रोडक्ट लाइन एक्सटेंशन्स और नए संग्रह हर संस्करण में पेश किए जाते हैं, क्योंकि निर्माता संवेदनशीलता के साथ रॉ मटेरियल और शिल्प कुशलता के पारस्परिकता और मिश्रण पर केंद्रित करते हैं। ”
डॉ. राकेश कुमार, महानिदेशक, ईपीसीएच और अध्यक्ष, आईईएमएल कहते हैं, “वास्तव में हमारे क्षेत्र में संचालन के साथ-साथ कार्यबल के भीतर भी महिलाओं द्वारा संचालित है। उनके महत्व और परिवर्तनकारी प्रभाव को कम करके नहीं आंका जा सकता। वे जो उत्पाद बनाते हैं, वे दुनिया भर के अधिक से अधिक देशों में भारतीय ब्रांड को बढ़ावा देने वाले दुनिया के प्रमुख घरेलू और लाइफस्टाइल ब्रांडों के रिटेल शोरूम्स तक पहुंचते हैं। ”
जर्मनी के फेरी मुल्डर कहती हैं, "इस मेले के माध्यम से भारत के साथ मेरा व्यापार अब 20 वर्षों से अधिक हो गया है। मैं फर्नीचर और घर की सजावट का स्रोत हूं। मैं अपने नियमित आपूर्तिकर्ताओं से मिल राही हूं और पहली बार प्रदर्शकों के साथ भी संबंध बना राही हूं।" यूनाइटेड किंगडम के जॉन एलन मेले में आकर खुश हैं। वह कहते हैं, “मेरा 40% व्यापार भारत से है लेकिन मैं इसे अभी बढ़ाकर 75% करना चाहता हूं। यहां के उत्पाद अद्भुत और बहुत रचनात्मकता है।"
जम्मू-कश्मीर थीम पवेलियन में कालीन बनाने और पेपर माची पर शिल्प प्रदर्शन कई आगंतुकों को आकर्षित कर रहे हैं। फॉरेक्स मैनेजमेंट में इवॉल्विंग ट्रेंड्स, ब्रांड्स को विकसित करने के लिए सोशल लिसनिंग और हाउ टू डी आई वाई ब्रांड पर प्रमुख उद्योग पेशेवरों द्वारा सेमिनारों में अच्छी तरह से भाग लिया गया। दैनिक क्रम में होने वाले रैम्प शो में लद्दाख के कुछ दुर्लभ कारीगर परिधान, आभूषण और अन्य उत्पादों के साथ सहायक उपकरण शामिल थे। फेयर स्थल पर सांस्कृतिक और लोक प्रदर्शन भी विदेशी आगंतुकों को उत्साहित कर रहे हैं।
डॉ. राकेश कुमार, महानिदेशक, ईपीसीएच द्वारा सूचित किया गया “ईपीसीएच देश से दुनिया के विभिन्न गंतव्यों में हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने और हस्तशिल्प वस्तुओं और सेवाओं की उच्च गुणवत्ता के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि पेश करने के लिए एक नोडल एजेंसी है। वर्ष 2020-21 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात रु. 25679.98 (3459.75 मिलियन अमेरिकी डॉलर) और अप्रैल-फरवरी 2021-22 के ग्यारह महीनों के दौरान दौरान अनुमानित निर्यात रु29626.96 करोड़ (3981.72 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा। ”