‘‘काव्या‘‘ इन्टरनेशनल द्वारा लेखकों का सम्मान एवं पुस्तक चर्चा

संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला व जस्टिस वीएस द्वे ने किया लोकार्पण 


बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर (रिपोर्ट : आशा पटेल ) । 16 मार्च। काव्या फाउण्डेशन के राजस्थान चेप्टर और हिन्दी ग्रंथ अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में  युवा कवि एवं विचारक डॉ. परीक्षित सिंह के कविता संग्रह ‘‘स्वयं से परिचय‘‘, इकराम राजस्थानी द्वारा रवीन्द्रनाथ टैगोर की काव्य कृति-गीतांजलि के राजस्थानी अनुवाद ‘‘अंजली गीतां री‘‘ और युवा कवयित्री डॉ. नीरू जैन के संग्रह ‘‘इक धागा प्रेम‘‘ का कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री, डॉ. बी.डी. कल्ला और जस्टिस विनोद शंकर दवे ने लोकार्पण किया। 


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, शिक्षा, कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला ने कहा है कि जिज्ञासु व्यक्ति ही संस्कार को कुछ सार्थक विचार दे सकता है। सत्य ही सबसे बड़ा धर्म है। आज के अर्थ प्रधान युग में सुभाषित विचारों से ही जीवन अर्थपूर्ण हो सकता है। साहित्यकार और विशेष रूप से कवि के विचार प्रेरणा देते हैं।


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधिपति विनोद शंकर दवे ने विभिन्न कविताओं और उर्दू के कलाम उदृत करते हुए डॉ. परीक्षित सिंह, इकराम राजस्थानी और डॉ. नीरू जैन की कविताओं की सराहना की। उन्होंने डॉ. परीक्षित की कविताओं के संदर्भ में कहा कि उनमें भारतीय संस्कृति और जीवन दर्शन झलकता है तथा वे अपनी माटी से जुड़ी हैं। उन्होंने काव्या संस्था के उत्तरोतर विकास की कामना की।

इस अवसर पर प्रतिष्ठित राजस्थानी साहित्यकार डॉ. कल्याणसिंह शेखावत ने मातृभाषा की मान्यता के लिए प्रयास करते रहने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा हजार साल पुरानी सशक्त भाषा है जिसमें हजारों ग्रंथ रचे गए और यह जन-जन की भाषा है।


समारोह में डॉ. परीक्षित सिंह के ‘’स्वयं से परिचय’’ कविता संग्रह पर वरिष्ठ साहित्यकार नन्द भारद्वाज, इकराम राजस्थानी की रवींद्रनाथ टैगोर की गीतांजलि के राजस्थानी अनुवाद ‘’अंजलि गीतां री’’ द्वितीय संस्करण काव्यकृति पर  श्रीकृष्ण शर्मा एवं डॉ.पी.सी.त्रिवेदी और डॉ. नीरू जैन की काव्य कृति ‘’इक धागा प्रेम का’’ पर डॉ रेना मेहता, एसो.प्रोफेसर ने चर्चा की।

पूरन सरमा का सम्मान -इस अवसर पर सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार पूरन सरमा को व्यंग्य विधा के प्रति समर्पित योगदान के लिए ‘‘काव्या-हरिशंकर परसाई व्यंग्यकार‘‘ सम्मान प्रदान किया गया। श्री सरमा को डॉ. बी.डी. कल्ला ने शॉल ओढ़ाकर, जस्टिस विनोद शंकर दवे ने माल्यार्पण और फारूक आफरीदी ने प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मान किया। सरमा को इक्यावन सौ रुपये सम्मान राशि प्रदान की।

कार्यक्रम में डॉ. परीक्षित, इकराम राजस्थानी और डॉ. नीरू जैन ने अपनी चुनिन्दा कविताओं का पाठ किया। इस मौके पर दादा साहब फाल्के युवा गायन सम्मान प्राप्त गजल गायक, मोहम्मद वकील ने निदा फाजली की गजल सुनाकर सबका मन मोह लिया।

प्रारम्भ में समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. बी.डी. कल्ला का राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी के निदेशक डॉ. बी.एल. सैनी  और डॉ. सत्य नारायण सिंह ने और अध्यक्ष, जस्टिस विनोद शंकर दवे का काव्या के कार्यकारी अध्यक्ष श्री लोकेश कुमार सिंह ‘‘साहिल‘‘ ने माल्यार्पण कर स्वागत किया।

इस अवसर पर राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन प्रो. बी.एम. शर्मा ,   डॉ दुर्गा प्रसाद अग्रवाल ,नीलिमा टिक्कू, सावित्री चौधरी, विनोद भारद्वाज, हरीश कर्मचंदानी, डॉ. रामानन्द राठी, राकेश कुमार,आशा पटेल ,अनिल यादव  सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार मौजूद थे। काव्या के कार्यकारी अध्यक्ष लोकेश कुमार सिंह ‘‘साहिल‘‘ और राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी के निदेशक, डॉ. बी.एल. सैनी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और फारूक आफरीदी ने कार्यक्रम का संचालन किया।