रिपोर्ट : आशा पटेल
अक्षय पात्र फाउंडेशन के राजस्थान प्रभारी श्री रघुपति दास ने बताया की अक्षय पात्र की केन्द्रीयकृत रसोईघरों में अत्याधुनिक मशीनो के माध्यम से बनाया जाने वाला खाना पूरी तरह हाइजेनिक एवं सरकार की गाइड लाइन के अनुसार पोष्टिक एवं सरकार मेनू आधारित होता है. खाना बनाने की पूरी प्रक्रिया मशीनीकृत है जिसमे 100 किलो आटा 9 मिनट में गूँथ लिया जाता है तथा 1 घंटे में एक मशीन से 40 हजार चपातिया तैयार हो जाती है. एक बार में 1200 लीटर दाल या सब्जी, लगभग इतना ही किलो चांवल तैयार किये जाते है तथा संस्था के पास फुल बॉडी पैक वाहन है जिससे स्कूलों तक खाना बिना धुल मिटटी के सुरक्षित पहुंचता है. प्रदेश के जयपुर में 1 लाख 6 हजार, अजमेर में 27 हजार, भीलवाडा में 15 हजार, बीकानेर में 32 हजार, जोधपुर में 18 हजार, नाथद्वारा में 53 हजार, उदयपुर में 30 हजार, झालावाड में 14 हजार चित्तोड़गढ में 14 हजार एवं बारां के सहरिया क्षेत्र में 12 हजार बच्चो को यह मध्यान्ह का भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है.
अक्षय पात्र फाउंडेशन एक गैर लाभकारी स्वयं सेवी संस्था है जिसके द्वारा कोरोना में मध्यान्ह भोजन बंद होने पर लाखो लोगो के राज्य सरकार के निर्देशानुसार भोजन वितरण किया है साथ ही दानदाताओ के सहयोग से लगभग 75 हजार राशन के किट वितरण किये गए है.