बालिका दिवस पर आईएपी द्वारा तैयार पोस्टर का विमोचन


जयपुर। बालिका दिवस के उपलक्ष्य में इंडियन एकेडमी ऑफ पीडिएट्रिकस (आईएपी) द्वारा एक पोस्टर तैयार किया गया। इसका विमोचन महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने अपने अवास पर किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिए कृतसंकल्पित है। हमारी सरकार ने भ्रूण हत्या और उनकी मृत्यु दर पर काफी हद तक रोक लगाई है। लिंग अनुपात भी कम किया है। इस दौरान उन्होंने बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिए संचालित सभी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की और सरकार की उपलब्धियां गिनाईं।

कार्यक्रम में आईएपी जयपुर के अध्यक्ष डा. ए ए पठान, सचिव डा. सूर्या सेठी, राजस्थान एन एन एफ के अध्यक्ष डा. धनंजय मंगल, एडोलसेंट हेल्थ एकेडमी के अध्यक्ष डा. अशोक गुप्ता, सीआईएपी राजस्थान के एग्जिक्यूटिव बोर्ड के सदस्य डा. अनुराग तोमर, आईएपी महिला विंग की अध्यक्ष डा. मधु रतूडी, आईएपी महिला विंग की सचिव डा. स्वाती घाटे सहित अनेक चिकित्सक, महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

सीआईएपी राजस्थान के एग्जिक्यूटिव बोर्ड के सदस्य डा. अनुराग तोमर ने अपने संबोधन में कहा कि चिकित्सक बालिकाओं के शारीरिक और मानसिक विकास में पूरा योगदान दे रहे हैं। उनकी मृत्यु दर कम करने और उनके शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रखने में चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

इस दौरान डा. अनुराग तोमर ने बताया कि निम्स विश्वविद्यालय के चांसलर डा. बी. एस. तोमर के निर्देश पर निम्स के विद्यालय में ऐसी बालिकाओं को  बारहवीं तक की शिक्षा निःशुल्क दी जा रही है जिन्होंने निम्स हॉस्पीटल में जन्म लिया है। यह व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी।   

एडोलसेंट हेल्थ एकेडमी के अध्यक्ष डा. अशोक गुप्ता ने र्प्रदेश सरकार के कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने बालिकाओं के सर्वांगीण विकास और उनकी शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की हैं जिनका असर धरातल पर भी दिखाई दे रहा है।

राजस्थान एन एन एफ के अध्यक्ष डा. धनंजय मंगल ने कहा कि सरकार और चिकित्सकों के प्रयास के साथ ही साथ इस क्षेत्र में सामाजिक भागीदारी भी जरूरी है। जब तक समाज बाल विवाह और लिंगभेद जैसी सामाजिक बुराईयों पर रोक नहीं लगाएगा तब तक बालिकाओं का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। 

आईएपी जयपुर सचिव डा. सूर्या सेठी ने बालिकाओं को शिक्षा, खेल, मनमाफिक रोजगार और नौकरी चुनने की आजादी की वकालत की।