रिपोर्ट : आशा पटेल
भारत के विभिन्न एनआईटी, आईआईटी और संयुक्त राज्य अमेरिका, नीदरलैंड, डेनमार्क और ऑस्ट्रेलिया के अन्य शैक्षणिक और औद्योगिक संगठनों से प्रसिद्ध व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया था। इस बहुत ही जानकारीपूर्ण 6 दिवसीय कार्यक्रम में पूरे भारत के शैक्षणिक संस्थानों के 100 से अधिक संकाय सदस्यों ने भाग लिया। डॉ. रिक दास, लीड डेटा साइंटिस्ट, सीमेंस एडवांटा, डॉ. श्यामंता एम हजारिका, प्रोफेसर, आईआईटी गुवाहाटी, डॉ. वी.राव कागिता, सहायक प्रोफेसर, सीएसई, एनआईटीडब्ल्यू, डॉ. वीबी सेमवाल, सहायक प्रोफेसर, सीएसई, एनआईटी भोपाल, डॉ संजय के पांडा, सहायक प्रोफेसर, सीएसई, एनआईटीडब्ल्यू, डॉ आकांक्षा शर्मा, सहायक प्रोफेसर, यूईएमजे, डॉ श्रीपर्णा साहा, एसोसिएट प्रोफेसर, आईआईटी पटना, डॉ हरिप्रभात गुप्ता, सहायक प्रोफेसर, आईआईटीबीयू, श्री सुजीत के नायक, फ़र्मवेयर आर्किटेक्ट, पैनासोनिक प्राइवेट लिमिटेड, डॉ. एसएस सेंगर यूनिवर्सिटी ऑफ़ कोपेनहेगन, डॉ. उज्जवल गदिराजू, टीयू डेल्फ़्ट, डॉ. विष्णु एस पेंड्याला, सैन जोस स्टेट यूनिवर्सिटी और डॉ. जियानलुका डेमार्टिनी, एसोसिएट प्रोफेसर, क्वींसलैंड विश्वविद्यालय ने इस कार्यक्रम में जो 5 से 11 जनवरी 2022 तक चला में अपने व्याख्यान दिए। आईएसटीई की कार्यकारी समिति के सदस्य प्रो डॉ चंद्रहास हांडा ने 11 जनवरी 2022 को समापन सत्र में भाग लिया और यूईएम जयपुर को कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों पर सफलतापूर्वक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए बधाई दी।
यूईएम, जयपुर कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. मृणाल कांति सरकार, डॉ. जी. उमा देवी, डॉ. सिबुन परिदा, प्रो. रूपायन दास, प्रो. दीप्त मुखर्जी, प्रो. शताब्दी बसु, प्रो. ज्योति खंडेलवाल, प्रो. सौविक बाल, ने प्रो. डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा, रजिस्ट्रार, यूईएम जयपुर की देखरेख में कार्यक्रम के ऑनलाइन संचालन की व्यवस्था की और उन्होंने बताया कि एआईसीटीई और आईएसटीई नियमित रूप से उभरती प्रौद्योगिकियों में एआईसीटीई अनुमोदित संस्थानों के शिक्षकों के प्रशिक्षण और विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। यूईएम जयपुर को इस कार्यक्रम के संचालन के लिए एआईसीटीई और आईएसटीई से वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है।
आपको बता दे की यूईएम जयपुर विश्वविद्यालय छात्रों की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए साथ ही शिक्षकों और छात्रों के लाभ में इस तरह के और भी कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा। यूईएम जयपुर के कुलपति प्रो. डॉ. बिस्वजॉय चटर्जी ने बताया कि विश्वविद्यालय हमेशा उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में संकाय सदस्यों के उत्थान और उन्नयन की दिशा में काम करता है और नियमित रूप से इस प्रकार के संकाय विकास कार्यक्रम और प्रशिक्षण सत्र आयोजित करता है।
आईईएम-यूईएम समूह के निदेशक प्रो. डॉ. सत्यजीत चक्रवर्ती ने भी सभी प्रतिभागियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं और कृत्रिम बुद्धि और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों में शिक्षकों के नियमित प्रशिक्षण और अद्यतन पर जोर दिया। प्रो. डॉ. अनिरुद्ध मुखर्जी, डीन यूईएम जयपुर ने भी सभी प्रतिभागियों को कार्यक्रम के सफलतापूर्वक पूरा होने पर बधाई दी और डेटा के उचित उपयोग पर जोर दिया। सभी प्रतिभागियों को एआईसीटीई और आईएसटीई से प्रमाण पत्र दिए गए।