रिपोर्ट : आशा पटेल
जोधपुर , राजस्थान के जन्मे सईद कादरी एक भारतीय कवि और गीतकार हैं। सईद कादरी के करियर की शुरुआत निर्देशक महेश भट्ट की फिल्म जिस्म से हुई थी। उन्होंने फिल्म जिस्म के काफी बेहतरीन गाने लिखे थे, जो काफी हिट भी हुए थे। सईद कादरी साहिर लुधियानवी को अपना प्रेरक मानते हैं। सर्वश्रेष्ठ गीतकार के लिए उन्हें आईफा, स्टारडस्ट, एमटीवी और टाटा इन्फो अवार्ड मिल चुके हैं। सईद कादरी ने "जादू है नशा है" (जिस्म 2003) "भीगे होंठ तेरे" (मर्डर 2004) "अगर तुम मिल जाओ"( ज़हर 2005) और "तू ही मेरी शब है" (गैंगस्टर 2006) जैसे एक से एक बढ़कर नायाब गीत लिखे हैं। सईद कादरी ने इक्कीस वे दशक की शुरुवात की नई पीढ़ी को उर्दू शायरी के नए रंग दिखाए जो युवाओं ने खूब पसंद किए। उनके गीतों में सादगी है, गहराई है और वे सीधे दिल में उतरते हैं। सईद कादरी का मानना है की गीत वही पसंद किए जाते हैं जो जिंदगी से सीधा कनेक्शन रखते हैं। याद भी वहीं गीत रखे जाते हैं जिनमें सुनने वाले को अपनी कहानी नजर आती है।
शुरू में जब सईद कादरी को निराशा हाथ लगी तो कुछ साल मुम्बई में बिताने के बाद वापस जोधपुर लौट आया। जिम्मेदारियां बढ़ी तो जोधपुर में ही एलआईसी एजेंट बन गए। लेकिन एक बार जोधपुर में महेश भट्ट आए तो उन्होंने अपनी बेटी पूजा भट्ट की फिल्म में अवसर दिया और उनका पहला गीत "आवारापन " आया। इसके बाद सफर चलता रहा। कादरी अब तक 150+ के करीब गीत लिख चुके हैं जिसमे अरिजीत सिंह द्वारा गाया हुआ गीत "फिर मोहब्बत करने चला है तू" (मर्डर 2) , आतिफ़ असलम का "वो लम्हे" (ज़हर) और "तेरे बिन मैं यूँ कैसे जियां" (बस एक पल) , रूप कुमार राठौड़ की आवाज़ में "आँखें तेरी" (अनवर), राहत फ़तेह अली खान का "जिया धड़क धड़क जाए" जैसे गाने शामिल है।
रिफ फिल्म क्लब की मैनेजिंग ट्रस्टी अंशु हर्ष ने बताया की "पाँच दिवसीय आयोजन में फिल्म स्क्रीनिंग, सेमीनार, वर्कशॉप, टॉक शो , नॉलेज सीरिज एवं कल्चरल इवनिंग का आयोजन होगा। इस आयोजन में फीचर फिल्म , शॉर्ट फिल्म, डाक्यूमेंट्री फिल्म , ऐनिमशिन फिल्म एवं रीजनल फिल्म की स्क्रीनिंग होगी जिनकी सबमिट करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2022 है। फिल्ममेकर एवम स्टूडेंट्स राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की वेबसाइट डब्लू डब्लू डब्लू डॉट रिफजयपुर डॉट ओआरजी पर जाकर एवं फ़िल्मफ्रीवे पर अपनी फिल्म सबमिट कर सकते है"