चर्चा के दौरान जयपुर के पूर्व जिला कलेक्टर व सेनि.आईएएस अधिकारी जगरूप सिंह यादव ने संस्था के राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष के रूप में किसान गतिरोध को समाप्त करने के लिए एमएसपी की गारंटी देने की बात कही। राज्यों को ओबीसी सूची तैयार करने का अधिकार देेने पर प्रतिक्रिया देते हुए जगरूप सिंह यादव ने कहा कि इससे कोई विशेष अन्तर नहीं आएगा।
चर्चा के दौरान से.नि. जिला जज चन्द्रकला यादव ने सरकार से अपील की है कि वो किसान गतिरोध को खत्म करने हेतु संवेदनशील व तार्किक तरीके से वार्ता का रास्ता अपनाए।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.अशोक यादव ने कहा कि हम सरकार से यह नहीं कहते ही कानून वापस लिए जाए परन्तु हम चाहते हैं कि किसान गतिरोध दूर हो, इसके लिए निजी क्षेत्र द्वारा की गई खरीद के क्रय मूल्य एवं उसके द्वारा भविष्य में बेचे जाने वाले अनाज के विक्रय मूल्य के बीच तार्किक रूप से एक लिमिट तय करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि कोई भी पूंजीपति फसल के समय बेहद कम दाम पर फसल खरीद करने के बाद उसी फसल को कुछ समय बाद आफ सीजन में खरीद मूल्य की तुलना में कई गुना अधिक कीमत पर बेचकर देश में मुनाफाखारी व महंगाई को बढ़ावा ना दे सके । अहीर रेजीमेन्ट पर बोलते हुए अशोक यादव ने कहा कि देश की सेना में अनेक जाति आधारित रेजीमेन्ट मौजूद हैं,अत: यादव समाज द्वारा अहीर रेजीमेन्ट के गठन की मांग करना किसी भी सूरत में अनुचित नहीं कही जा सकती है, लेकिन यदि सेना में जातिवाद को बढ़ावा ना देने का तर्क दिया जाता है तो देश की सेना की एकता के लिए सेना में मौजूद सभी जाति आधारित रेजीमेन्टों को भंग कर देना चाहिए। ऐसा ना करते हुए सिर्फ यादव समाज को अहीर रेजीमेन्ट से दूर रखना अनुचित व अतार्किक होगा।
पत्रकार अनिल यादव ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिए ही नहीं पूरे देश के लिए बेहद खतरनाक हैं,यदि सरकार लोकतंत्र में आस्था रखती है तो उसे अनावश्यक जिद छोड़ कर लोकतंत्र का सम्मान रखते हुए कानून वापस लेने चाहिए। यादव ने कहा सरकार पूछती है कि कानून में काला क्या है? हम पूछते हैं इसमें सफेद क्या है ? यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि सरकार किसानों से मात्र एक कॉल की दूरी पर है,लेकिन ये नहीं बताया कि किसान किस नम्बर पर कॉल करें। करीब साल भर से अन्नदाता देश की भूख की लड़ाई लड़ रहा है, लोकतंत्र में सरकार का अहंकारी रूख ना तो देश के लोकतंत्र के लिए अच्छा होता है और ना ही स्वयं सरकारों के लिए । अनिल यादव ने कहा कि गतिरोध खत्म करने के लिए सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम की खरीद को प्रतिबंधित करना चाहिए, आवश्यक वस्तु अधिनियम को संशोधित कर हटाई गई स्टॉक लिमिट को पुन: बहाल करना चाहिए तथा कांट्रेक्ट फार्मिग के तहत विवाद निपटान हेतु लोगों को अदालत की शरण लेने से रोकने वाले प्रावधान रद्द होने चाहिए। सरकार को पूंजीपतियों की बजाय देश के साधारण किसान की चिंता करनी चाहिए क्योंकि किसान अन्नदाता भी है और मतदाता भी। संगठन विस्तार पर चर्चा करते हुए अनिल यादव ने कहा कि हमें समाज के प्रत्येक संगठन व उसके सदस्यों का सम्मान करते हुए संगठन का विस्तार करना है,हम समाज के किसी भी संगठन या व्यक्ति के विरोधी नहीं हैं, समाज में संगठन कितने भी हो,हर संगठन का अपना महत्व व अपना योगदान होता है परन्तु हमारा लक्ष्य सिर्फ समाज का वास्तविक उत्थान होना चाहिए।
संस्था के मुख्य महामंत्री हनुमान सहाय यादव ने देश भर में संगठन विस्तार हेतु सदस्यता अभियान को गति देने व कार्यकारिणीयों के गठन पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया। संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भूपसिंह यादव ने किसान को एमएसपी की गारंटी देने की मांग का समर्थन किया तथा इस संबंध में सरकार को एक पत्र लिखने का प्रस्ताव दिया। रोहतक विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश यादव ने सरकार से किसान आंदोलन के गतिरोध को समाप्त करने का अनुरोध किया तथा अनेक सुझाव दिए।
वैब मीटिंग के दौरान हरियाणा से जगमोहन यादव,रवि यादव,बिहार से रामबालक यादव,उत्तर प्रदेश से जगराम यादव सहित देश भर से यादव समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।